Monday, July 13, 2009

Uljhan

बस इक झिझक है यही हाल-ए-दिल सुनाने में,

कि तेरा ज़िक्र भी आयेगा इस फ़साने में,

बरस पड़ी थी जो रुख़ से नक़ाब उठाने में,

वो चांदनी है अभी तक मेरे ग़रीब-खाने में,

इसी में इश्क की किस्मत बदल भी सकती थी,

जो वक़्त बीत गया मुझ को आज़माने में,

ये कह के टूट पडा शाख़-ए-गुल से आखिरी फूल,

अब और देर है कितनी बहार आने में ....

~कैफी आज़मी

झिझक = hesitation

ज़िक्र = mention

फ़साना = tale

रुख = Face

नक़ाब = veil

Thursday, June 25, 2009

Azaab

Aaye kuchh abr kuchh sharaab aaye
us ke baad aaye jo azaab aaye...

~Faiz

Monday, January 19, 2009

People

In your life you meet people.
Some you never think about again.
Some you wonder what happened to them.
There are some that you wonder if they ever think about you.
And then there are some you wish you never had to think about again ....but you do.